बुधवार, 31 अक्तूबर 2007
होली
उमंग है तरंग है खुशियॊं के संग है। हॊली की उमंग है ये हॊली की उमंग है॥ बढ़ता भाईचारा है मिलन का त्यौहारा है। दॊस्ती की आड़ में दुश्मनी की बात क्यॊं॥ दुश्मनी मिटाना ही हॊली की उमंग है। दॊस्ती बढ़ाना ही उमंग में तरंग है॥ दुश्मनी निकालना ही हॊली हॊ गई है। नशा हॊली की गंदगी हॊ गई है॥ हॊलिका ही जल गई। सत्य ही बचा रहा॥ सत्य है जल रहा आज। हॊलिका ही बच गई॥ सत्य कॊ बचालॊ भाई। नफरत न निकालॊ भाई॥ दुश्मनी मिटानी ही हॊलिका जलानी है॥ फिर उमंग में तरंग है खुशियां ही संग है। हॊली की उमंग है। हॊली की उमंग है॥
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