सोमवार, 5 नवंबर 2007

14 रत्न

लक्ष्मी कौस्तुभ पारिजातक सुरा
धन्वतरिश्चन्द्रमा धेनु
कामादुधा सुरेश्वर गजो रम्भा व देवांगना
अश्व सप्तमुखों विषं हरिधन: शंखो अमृतं
चौबुधे रत्नानीति चतुदर्श: प्रतिदिन कुर्य्य: सदा मंगलम।

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